छत्तीसगढ़

नवीन कानूनों के क्रियान्वयन की दिशा में पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों का रेंज स्तरीय फोटो/वीडियोग्राफी 02 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय राजनांदगांव में सम्पन्न हुआ।

राजनांदगांव- रेंज स्तरीय दो दिवसीय फोटो/वीडियोग्राफी प्रशिक्षण पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को दिया गया।जिला राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, मोहला-मानपुर-अंचौकी के लगभग 75 अधिकारी/कर्मचारियों हुये शामिल।सीन ऑफ काईम के समस्त सबूतों को क्रमबद्ध मार्क करके फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी कर साक्ष्य एकत्रित करने के संबंध में विस्तारपूर्वक समझाया गया।घटना स्थल तत्काल पहुंच कर पूरे एंगल से घटनास्थल की फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी करना बताया गया।घटनास्थल में प्राप्त सभी छोटी-से-छोटी चीजों (साक्ष्य) को ध्यान में रखते हुए सावधानीपूर्वक फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी करने सिखलाई दी गई।घटनास्थल घर के अंदर या बाहर होने पर फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी एंगल को ध्यान में रखते हुए पूरे घटनास्थल को कव्हर करने के गुर बताये गये। दिनांक-24-25.06.2024 को नवीन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को दो दिवसीय रेंज स्तरीय फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी कार्यशाला का आयोजन पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय राजनांदगांव में किया गया। उक्त कार्यशाला में जिला राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, मोहला-मानपुर-अंचौकी एवं कबीरधाम के लगभग 75 अधिकारी/कर्मचारियों हुये शामिल के दौरान पुलिस महानिरीक्षक राजनांदगांव रेंज श्री दीपक कुमार झा, पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव श्री मोहित गर्ग, ए.एस.पी. श्री मुकेश ठाकुर (ऑप्स), पुलिस अधीक्षक पी.टी.एस. श्री गजेन्द्र सिंह ठाकुर, सी.एस.पी. श्री पुष्पेन्द्र नायक, डी.एस.पी. श्रीमती तनुप्रीया ठाकुर एवं रेंज स्तर से आये अधिकारी/कर्मचारीगण व फोटोग्रॉफी/विडियोग्राफर उपस्थित थे। उक्त कार्यशाला में रायपुर से संयुक्त निदेशक एफ.एस.एल. रायपुर श्री टी.एल.चन्द्रा एवं निरीक्षक श्री कमलेश पटेल फोटो शाखा रायपुर, दुर्ग से आये श्री शशांक द्विवेदी प्रभारी अधिकारी एफ.एस.एल. दुर्ग, डॉ. श्री मोहन पटेल प्रभारी क्राईम-सीन दुर्ग से प्रशिक्षण देने के लिए आये थे। जिन्हों ने पी.टी.एस. राजनांदगांव में एक डमी सीन-ऑफ-क्राईम बनाकर उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों (विवेचकों) को नवीन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी के गुर सिखाये। उनके द्वारा बताया गया कि जब भी हम किसी स्थान की या उस व्यक्ति की तलाशी लेते है, उस समय उसकी वीडियो रिकार्डिंग करना धारा 105 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में प्रावधान किया गया है। किसी भी प्रकरण में तलाशी लेते समय फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी करना अनिवार्य है इस संबंध में विस्तारपूर्वक बताया गया। जितने भी विवेचना में शामिल अधिकारी/कर्मचारी हैं विवेचना की शुरूआत ही सीन ऑफ काईम से होती है, अगर सीन ऑफ क्राईम को अच्छे से देखते है तो समस्त सबूतों को क्रमबद्ध मार्क करके फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी करने पर चार्जेस एवं पासिविल्टी यह बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और उस अपराध को अच्छे ढंग से अंतिम मुकाम तक पहुंचा पायेगें के संबंध में विस्तारपूर्वक समझाया गया। किसी स्थान पर घटना होने का पता चलता है तो तत्काल घटनास्थल पहुंचकर पूरे एंगल से घटनास्थल की फोटोग्राफी करते हुए घटनास्थल में प्राप्त सभी छोटी-से-छोटी चीजों को ध्यान में रखते हुए सावधानीपूर्वक फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी करने और साक्ष्य एकत्रित करने बताया गया। फोटोग्रॉफर/विडियोग्राफर द्वारा फोटोग्राफी/विडियोग्राफी करने के तरीके एवं फोटो/वीडियो को एस.डी. कार्ड/पेन ड्राईव में सेव करने के तरीके सी.डी./डी.व्ही.डी. बनाने के तरीके के संबंध में बताया गया। कार्यशाला के समापन में ए.एस.पी. श्री मुकेश ठाकुर (ऑप्स) एवं डी.एस.पी. श्रीमती तनुप्रीया ठाकुर द्वारा रायपुर एवं दुर्ग से आये ट्रेनर अधिकारियों को मोमेन्टो भेंट की गई एवं प्रशिक्षणार्थियों को नवीन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन में फोटोग्राफी/विडियोग्राफी का महत्व के बारे में बताते हुए अपने-अपन जिले में दिये गये प्रशिक्षण अनुरूप क्रियान्वयन करने निर्देशित किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!